लंदन से मुंबई आ रही वर्जिन अटलांटिक की फ्लाइट VS358 एक मेडिकल इमरजेंसी के चलते अचानक तुर्की के दियारबाकिर एयरपोर्ट पर उतरी. और पिछले 40 घंटे वहीं फंसी हुई है. इस फ्लाइट में 250 से ज्यादा यात्री सवार थे जिनमें से ज्यादातर भारतीय शामिल है. इन सभी यात्रियों का सफर एक अजनबी और असुविधाजनक एयरपोर्ट की चारदीवारी में थम गया है.
वहीं यात्रियों ने बताया है कि लैंडिंग भी बेहद झटकेदार थी. प्लेन रनवे से टकराया तो जोर का झटका लगा. इसके बाद सभी यात्रियों को एक अलग-थलग पड़े टर्मिनल में ले जाया गया, जहां बुनियादी सुविधाएं भी न के बराबर थीं.
तुर्की में क्यों करानी पड़ी इमरजेंसी लैंडिंग?
ये घटना बुधवार की है जब उड़ान के दौरान एक 17 साल की लड़की को पैनिक अटैक आया. मेडिकल मदद के लिए परिवार की गुहार पर फ्लाइट को तुर्की में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी. दियारबाकिर एयरपोर्ट असल में एक मिलिट्री बेस है, जहां बड़े पैमाने पर कमर्शियल फ्लाइट्स को संभालने की सुविधा नहीं है. शुरू में बताया गया कि फ्लाइट कुछ ही घंटों में फिर उड़ान भरेगी मगर फिर खबर आई कि इमरजेंसी लैंडिंग में विमान के टायर डैमेज हो गए हैं और तकनीकी खराबी के चलते उड़ान फिलहाल संभव नहीं है.
सिर्फ एक टॉयलट और खाने का संकट
फंसे हुए यात्रियों और उनके परिजन सोशल मीडिया पर अपनी परेशानियाँ जमकर बयां कर रहे हैं. ना तो जानकारी मिली, न खाना मिला और ना ढंग की जगह. किसी ने 300 से ज्यादा यात्रियों के लिए सिर्फ एक टॉयलेट होने की शिकायत की, तो किसी ने ठंड में कंबल तक न मिलने का दर्द साझा किया. एक यात्री ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि सर्दी में कांपते यात्रियों को कंबल तक नहीं दिए गए. कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें खाने में पहले सिर्फ एक सैंडविच और पानी की बोतल मिली, और बाद में कुछ ड्राय स्नैक्स. कई लोग भूखे ही बैठे रहे. शाकाहारी यात्रियों को खाने में एक रोटी पर सीधे चिकन परोस दिया गया.
यात्री परेशान होते रहे क्रू होटल में आराम कर रहा था
यात्रियों ने बताया कि इस दौरान फ्लाइट का क्रू होटल में आराम कर रहा था, जबकि यात्री एयरपोर्ट पर बच्चों और बुजुर्गों के साथ परेशान होते रहे. उन्हें ऐसा रखा गया जैसे हम कैदी हों. वहीं, भारत सरकार ने भी यात्रियों की मदद के लिए तुर्की के अधिकारियों से संपर्क में होने की जानकारी दी है.